संयुक्त राज्य अमेरिकी व्यवस्थापिका

सयुंक्त राष्ट्र अमेरिका का संविधान राजनीतिक शक्तियों को राष्ट्रीय नीतियों का रुप देने का उत्तरदायित्व कांग्रेस को सौंपता है। संविधान का प्रथम अनुच्छेद सामान्य विधायिनी शक्तियों को कांग्रेस को सौंपता है। कांग्रेस एक  द्विसदनात्मक सभा है ।





 अनुच्छेद 1 में लिखा है कि व्यवस्थापन संबंधी समस्त   शक्तियाँ संयुक्त राज्य की एक कांग्रेस में निहित होगी। लेकिन व्यवहार में कांग्रेस को न केवल विधायी वरन् प्रशासनिक व न्यायिक शक्तियां भी प्राप्त हैं ।
कांग्रेस की विधायी शक्तियों में मुद्रा, नाप-तौल, संघीय न्यायालयों का गठन सम्मिलित है । कांग्रेस को विधायी शक्तियों के अन्तर्गत प्राप्त प्रदत्त शक्तियों में कर लगाना एवं एकत्रित करना , ऋण चुकाने की व्यवस्था, सुरक्षा की व्यवस्था तथा निहित शक्तियों के अधीन अधिकोष एवं निगम की स्थापना, कृषि की स्थापना एवं नियन्त्रण, विद्युत उत्पादन एवं अतिरिक्त विद्युत का विक्रय , जन कल्याण आदि व्यय संबंधी विषय सम्मिलित है । समवर्ती सूचियों वाले विषय पर संघीय एवं राज्यों की सरकारों को विधि निर्माण का अधिकार है।  कांग्रेस दोनों सदनों के सदस्यों के लिए नियम निर्माण करती है। कांग्रेस विधि द्वारा नवीन राज्यों को संघ में प्रवेश की अनुमति देती है। संविधान निर्माण के समय केवल 13 राज्य थे । समय- समय पर 37 राज्यों को संघ में  कांग्रेस द्वारा विधि से शामिल किया गया है।
कार्यपालिका शक्तियों के अन्तर्गत संविधान के अनुसार सीनेट राष्ट्रपति के साथ कुछ कार्य पालिका संबंधी  कार्यों में सहयोगी है जैसे- राष्ट्रपति द्वारा की जाने वाली नियुक्तियां व सन्धियों को सीनेट के 2/3 बहुमत से अनुमोदित होना आवश्यक है । कांग्रेस को प्रशासनिक विभागों से प्रतिवेदन एवं सूचनाएं एकत्रित करने तथा निर्देशन एवं नियंत्रण की शक्ति प्राप्त है । युद्ध की घोषणा भी कांग्रेस ही कर सकती है । कांग्रेस न्यायिक आयोगों, संघीय सेवाओं एवं अभिकरणों की स्थापना कर सकती है एवं इनके माध्यम से नियन्त्रण एवं निर्देशन करती है। कांग्रेस जाँच समितियों के माध्यम से प्रशासन पर नियन्त्रण करती है तथा राष्ट्रहित में राष्ट्रपति को निर्देशन दे सकती है।

कांग्रेस के सम्मुख ही राष्ट्रपति के निर्वाचन की मतगणना होती है । राष्ट्रपति के निर्वाचन में यदि किसी प्रत्याशी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता है तब प्रतिनिधि सदन को सबसे अधिक मत पाने वाले उम्मीदवारों में से राष्ट्रपति चुनने का अधिकार है । इसी प्रकार उप-राष्ट्रपति के निर्वाचन में स्पष्ट बहुमत के अभाव में सीनेट को सबसे अधिक मत पाने वाले प्रथम उम्मीदवारों में से किसी एक को उप-राष्ट्रपति चुनने का अधिकार है। दोनों सदन( सीनेट और प्रतिनिधि सभा) पृथक- पृथक रुप में अपने सदस्यों के निर्वाचन एवं योग्यता अथवा अयोग्यता संबंधी निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है।

न्यायिक शक्तियों के अन्तर्गत कांग्रेस को देशद्रोह, भ्रष्टचार एवं अन्य गंभीर अपराधों के लिए राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, न्यायिक एवं अन्य नागरिक अधिकारों को महाभियोग के द्वारा पद से हटाने का अधिकार है ।

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