स्विट्जरलैण्ड के संविधान की विशेषताएं

स्विट्जरलैण्ड मध्य यूरोप के दक्षिणी तट पर स्थित चारों ओर भूमि से घिरा एक पर्वतीय प्रदेश है । क्षेत्रफल की दृष्टि से यह देश विश्व के सबसे छोटे देशों में से एक है । यहाँ के निवासी तीन भाषा-भाषी समूहों में विभाजित हैं फ्रांसीसी, जर्मन और इटैलियन । सभी व्यक्ति कम से कम दो भाषाएं तो जानते ही हैं। यहाँ के लोग विभिन्न धर्मों के अनुयायी हैं एवं मिलजुल कर रहते हैं ।
स्विटरलैण्ड के परिसंघ में 20 पूर्ण कैण्टन( प्रदेश) और 6 अर्द्व कैण्टन है अर्थात कुल 23 कैण्टन शामिल हैं । देश का वर्तमान संविधान सन् 1848 में स्वीकार किया गया । सन् 1874 में पूर्ण संशोधन संविधान में किया गया । स्विटजरलैण्ड को प्रत्यक्ष लोकतंत्र का घर   कहा जाता है । यह देेश‌ पूूर्ण रूपेेेण तटस्थ है।
स्विट्जरलैण्ड का संविधान निर्मित लिखित एवं व्यापक संविधान है। 1874 में संशोधित संविधान में 123 धाराएं और 3 अध्याय थे जबकि वर्तमान में 195 धाराएं 4 अध्याय हैं।
स्विस संविधान संसदीय एवं अध्यक्षीय लोकतंत्रों का मिला जुला रूप प्रस्तुत करता है । स्विस संविधान एक ही व्यक्ति में सर्वाधिकार समर्पित करने में विश्वास नहीं रखता इसीलिए  इस देश ने बहुल कार्यपालिका को अपनाया । स्विस संविधान के अनुसार संघीय सरकार की कार्यकारिणी शक्ति सात सदस्यों की संघीय सरकार में निहित है । इनकी सदस्यता स्थाई है । इनका पद बराबर होता है । बहुल कार्यपालिका के सदस्य संघीय संसद द्वारा चुने जाते हैं और संघीय सरकार के सदस्य बनने के पश्चात विधानमंडल की सदस्यता त्याग देतें है। इन सदस्यों का कार्यकाल संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति की तरह चार वर्ष तक निश्चित होता है । संघीय संसद द्वारा इनको अपने पद से हटाया नहीं जा सकता । बहूल कार्यपालिका के ये सात सदस्य संघीय सभा में बैठ सकतें हैं, कार्यवाही में भाग ले सकते हैं परन्तु मतदान का अधिकार प्राप्त नहीं है। स्विस संविधान में संघीय सरकार के प्रमुख गुण स्थायित्व, अनामता तथा कार्यकुशलता है।
स्विस संविधान प्रत्यक्ष लोकतंत्र का प्रमुख उपकरण है । स्विस नागरिक राज्य को  सारी जनता का मामला समझतें हैं और इन नागरिकों की भावनाएं उनके रहने के कम्युनों में बहुत गहराई से जमी हुई है। राज्य की  अन्तिम सत्ता जनता में निहित है । स्विट्जरलैण्ड के दो उपकरण उपक्रम अथवा प्रस्तावाधिकार तथा जनमत संग्रह है लोकप्रिय जनमत संग्रह के अभाव मे संवैधानिक परिवर्तन संभव नहीं है । सभी संशोधन संबंधी विधेयक जनता के समक्ष निर्णय के लिए रखे जाते हैं। कैण्टनो और मतदाताओं के बहुमत द्वारा स्वीकृत होने पर प्रभाविता ग्रहण करते हैं ।
स्विस संविधान उदारवाद का उदाहरण है ।स्विट्जरलैण्ड एक धर्म निरपेक्ष राज्य है सभी नागरिक समान है ।1930 की आर्थिक महामंदी को दूर करने के लिए कल्याणकारी राज्य की स्थापना के लिए किये गए प्रयत्न और राजनैतिक समूहवाद ने उदारवादी सिद्धान्तों में काफी परिवर्तन किया । जहाँ पहले निजी उद्योग का एकाधिकार था उसमें राज्य का हस्तक्षेप बढ़ता जा रहा है। जनता ने अनेक सेवाओं के लिए राज्य पर निर्भर करना आरम्भ कर दिया है। समाजवाद की लहर बराबर आगे बढ़ती जा रही है।
स्विस संविधान में दो दर्जन से ज्यादा अनुच्छेद नागरिकों के मौलिक अधिकारों से संबंद्ध हैं । सन् 1848 में निर्मित स्विस संविधान के निर्माताओं ने इस बात पर विशेष ध्यान रखा था कि नागरिकों की धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा होती रहे। सन् 1874 में संविधान के पूर्ण संशोधन में धार्मिक स्वतंत्रता संबंधी अधिकारों की विशेष व्याख्या की गई।
स्विस नागरिकों को जो अधिकार संघीय संविधान ने दिए हैं अथवा जिनकी व्यवस्था कैण्टनों के कानूनों में है उसकी रक्षा न्यायालय करते हैं। नागरिक अपने अधिकारों की रक्षा के लिए देश के सबसे बडे न्यायालय संघीय न्यायालय तक में याचना कर सकते हैं। नागरिकों की स्वतंत्रतायें केवल कागज पर नहीं लिखी गयी है वरन् लागू करने के लिए प्रभावशाली यंत्र की भी व्यवस्था की गयी है।
उपरोक्त विशेषताओं के आधार पर स्विस संविधान एक कठोर संविधान है ।

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