स्विटजरलैण्ड की व्यवस्थापिका- संघीय सभा

स्विस संविधान के अनुच्छेद 71 के अनुसार संघीय व्यवस्थापिका, जिसे संघीय सभा भी कहा जाता है । संघीय सभा शासन संचालन करने र्मे सर्वोच्च सत्ता का उपयोग करती है इसका स्वरूप द्विसदनात्मक है देश की शासन व्यवस्था में इसकी केंद्रीय स्थिति है । शासन के अन्य दो अंगो अर्थात संघीय परिषद तथा संघीय न्याय पालिका की सत्ता उससे निम्न है। न्यायपालिका को व्यवस्थापिका द्वारा पारित कानून के पुनरावलोकन( Judicial review) का अधिकार प्राप्त नहीं है । कुछ मामलों में व्यवस्थापिका न्यायपालिका के निर्णयों को भी रद्द कर सकती है। संघीय सभा ही स्विस कार्यपालिका अर्थात संघीय परिषद् के सदस्यों का निर्वाचन करती है । संघीय न्यायलयों के न्यायधीशों का चयन करती है ।

स्विस संघीय सभा की स्थिति अमेरिकी कांग्रेस तथा भारतीय संसद दोनों से ही उच्चतर है। संघीय कानून कैण्टन के कानूनों से उच्च स्थिति रखते हैं । संघीय सभा पर प्रतिबंध संविधान द्वारा लगाते हुए कहा गया है ।" संघ की सर्वोच्च शक्ति का उपभोग संघीय सभा नागरिकों और कैंटनों के अधिकारो के अधीन करती है।"
कुछ मामलों में जनता और कैंटन संघीय सभा की सह अधिकारी है। इस अधिकार का प्रयोग जनमत-संग्रह(Referendum) तथा उपक्रम अथवा पहल (Initiative) द्वारा करते हैं। इन साधनों के द्वारा जनता और कैंटन संघीय सभा द्वारा पारित कानूनों को रद्द कर सकतें हैं। संघीय सभा का गठन- यह द्विसदनीय है ।
 इसके दो भाग हैं-

  1. राष्ट्रीय परिषद
  2. राज्य परिषद

                
राष्ट्रीय परिषद

यह निचला सदन है।इसकी सदस्य संख्या 200 है । प्रत्येक कैप्टन( राज्य) अथवा  अर्द्धकैण्टन को प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों में विभक्त किया जाता है । राष्ट्रीय परिषद का निर्माण जनता द्वारा प्रत्येक 24 हजार व्यक्तियों पर एक प्रतिनिधि चुना जाता है परन्तु 12 हजार से अधिक जनसंख्या वाले क्षेत्र में भी एक प्रतिनिधि को भी राष्ट्रीय परिषद में स्थान दिया जाता है । इसका कार्यकाल 4 वर्ष का होता है परन्तु संविधान के पूर्ण संशोधन पर मतभेद की दशा में इस सदन का विघटन 4 वर्ष पूर्व भी हो सकता है। इसकी बैठकें राज्य परिषद के साथ ही होती हैं। राष्ट्रीय सभा में निर्णय बहुमत से लिए जाते हैं। गणपूर्ति संख्या 101 है। मताधिकार प्राप्त प्रत्येक स्विस नागरिक इसका सदस्य है परन्तु धर्माधिकारी तथा राज्य सभा एवं संघीय परिषद के सदस्य राष्ट्रीय सभा के सदस्य नहीं बन सकते | 20 वर्ष की आयु प्राप्त करने वाला प्रत्येक नागरिक राष्ट्रीय सभा के निर्वाचन में मतदान कर सकता है। कैण्टन की नागरिकता से वंचित व्यक्तियों की मताधिकार प्राप्त नहीं है ।

राज्य परिषद

यह उच्च सदन है। सदस्य संख्या 44 है। प्रत्येक कैंटन से 2 तथा अर्द्ध कैंटन से से 1 प्रतिनिधि चुने जाते हैं। राज्य परिषद के सदस्यो के कार्यकाल में भी असमानता है । विभिन्न कैण्टन भिन्न अवधियों के लिए सदस्यों का निर्वाचन 35 सदस्य 4 वर्ष के लिए,5 सदस्य 3 वर्ष के लिए,4 सदस्य केवल 1 वर्ष के लिए चुने जाते हैं। इन्हीं सदस्यों का पुनर्निवाचन होता रहता है। सदस्यों की योग्यता का निर्धारण , पदावधि, निर्वाचन पद्धति का उत्तरदायित्व कैंटनों का माना जाता है । राज्य सभा के सदस्य राष्ट्रीय सभा व संघीय परिषद् तथा न्यायालय के सदस्य नहीं हो।
संघीय सभा के कार्य व  शक्तियाँ प्रशासन संबंधी शक्तियाँ- दोनों सदनों के सयुंक्त अधिवेशन में संघीय परिषद् के सदस्यों उसके अध्यक्ष और उपाध्यक्ष संघीय न्यायपालिका के न्यायाधीशों, संघीय बीमा निकाय के सदस्य, सर्वोच्च सेनापति, विशेष जन अभियोजक चांसलर आदि का निर्वाचन करती है । यह संघ शासन एवं संघ न्यायपालिका की कार्यवाहियों पर दृष्टि रखती है। कैंटनों की शासन-व्यवस्था पर भी संघीय सभा का नियन्त्रण रहता है । कैंटनों के संविधानो तथा उनके संविधानो की उचित जांच करे और स्वीकार करें। विदेशों से सन्धि समझौतों का स्वीकार करना तथा अस्वीकार करना भी इसका कार्य है । दण्डित अपराधियों को क्षमादान तथा सामूहिक क्षमादान, संघीय सेना का नियमन व नियन्त्रण करना तथा वाह्य आक्रमणों से राष्टू की सुरक्षा करना संघीय सभा के कार्य हैं।

व्यवस्थापन संबंधी शक्तियां- संघीय सभा संघीय विषयों पर कानून बनाती है। जनता अपने वैकल्पिक व्यवस्थापन संबंधी जनमत संग्रह के अधिकार के अन्तर्गत संघीय सभा द्वारा पारित कानूनों को अस्वीकार कर सकती है ।ऐसा केवल विधि की संज्ञा प्राप्त नियम के साथ ही होता है। इस स्थिति से बचने के लिए संघीय सभा दूसरे प्रकार के व्यवस्थापन का अधिक आश्रय लेती है जिसे अध्यादेश कहते हैं।

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