राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग

मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 के तहत केंद्रीय स्तर पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग(NHRC) तथा राज्य स्तर पर राज्य मानवाधिकार आयोग ( SHRC) की स्थापना का प्रावधान किया गया है।
NHRC की स्थापना 1993 में हुई थी। इसमें एक अध्यक्ष , 8 सदस्य तथा एक विशेष आमन्त्रित सदस्य होता है ।

योग्यताएं 
  • उच्चतम न्यायालय में चीफ जस्टिस रहा व्यक्ति आयोग के अध्यक्ष के पर नियुक्त किया जाता है। शेष सदस्यो की योग्यता के संदर्भ में प्रावधान है कि
  • एक सदस्य ऐसा व्यक्ति होता है जो या तो उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीश हो या रह चुका हो।
  • एक सदस्य ऐसा व्यक्ति होता है जो या तो उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश हो या रह चुका हो।
  • दो सदस्य ऐसे व्यक्ति होतें है जिन्हें मानवाधिकार के संदर्भ में अनुभव हो।
  • शेष च सदस्य विभिन्न आयोगों के अध्यक्ष पदेन सदस्य के रूप में होते हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा , राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष विजय सांपला , अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष हर्ष चौहान एन एच आर सी के वर्तमान में पदेन सदस्य हैं । राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग का जो भी अध्यक्ष होगा वही इसका विशेष आमन्त्रित सदस्य होगा । वर्तमान में प्रियांक कानूनगो विशेष आमन्त्रित सदस्य है।
नियुक्ति 
  • कॉलजियम की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा नियुक्ति की जाती है। प्रधानमंत्री कॉलजियम का अध्यक्ष होता है। 
  • लोकसभा का अध्यक्ष, लोकसभा में विपक्ष के नेता, राज्यसभा के उपसभापति ,राज्यसभा में विपक्ष नेता तथा गृहमंत्री इस कॉलजियम में सदस्य के रूप में सम्मिलित होतें है।
  • कार्यकाल 5 वर्ष अथवा 70 वर्ष आयु जो भी पहले हो। किसी भी व्यक्ति पुनर्नियुक्ति नहीं हो सकती है।
  • जस्टिस रंगनाथ मिश्र इस आयोग के पहले अध्यक्ष थे। वर्तमान में जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा इस आयोग के अध्यक्ष हैं।
पदच्युत: कदाचार / अक्षमता के आरोप में राष्ट्रपति द्वारा उच्चतम न्यायालय से करवायी गयी जाँच के आधार पर इन्हें हटाया जा सकता है । जाँच के दौरान राष्ट्रपति इन्हें निलम्बित कर सकते हैं।

कार्य 
  • संविधान तथा संसदीय अधिनियमो में मानवाधिकारों के संदर्भ में किए गए प्रावधानों के क्रियान्वयन पर निगरानी रखना । 
  • मानवाधिकारों के प्रचार व प्रसार हेतु गोष्ठियों का आयोजन करना ।
  • मानवाधिकारों के क्षेत्र में कार्यरत स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रयासों को बढ़ावा देना।
  • मानवाधिकारों के क्षेत्र में अनुसंधान को बढ़ावा देने हेतु छात्रवृत्तियां देना
  • भारत की किसी भी जेल का निरीक्षण करना ।
शक्तियां
  • सीपीसी 1908 के तहत आयोग को सम्मन(summon) जारी करने, शपथ पत्र पर गवाही लेने , गवाही की ऑडियो वीडियो रिकार्डिंग करने की शक्ति प्राप्त है । आयोग संबंधित कार्यालय की तलाशी ले सकता है तथा उसे संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने का आदेश दे सकता है।
  • आयोग दोषी व्यक्ति को सजा देने के लिए संबंधित संस्था को निर्देश दे सकता है।

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